हरिद्वार जेल में संविधान दिवस एवं बंदियों के अधिकारों पर विधिक साक्षरता शिविर का भव्य आयोजन

पंडित दिव्यांश शर्मा स्वतन्त्र पत्रकार हरिद्वार, 26 नवंबर 2025। उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हरिद्वार ने जिला कारागार, रोशनाबाद, हरिद्वार के सहयोग से आज एक विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर आयोजित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जनपद न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हरिद्वार नरेन्द्र दत्त ने की। शिविर का शुभारंभ मुख्य अतिथि नरेन्द्र दत्त द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। वरिष्ठ अधीक्षक, जिला कारागार, हरिद्वार मनोज आर्य ने मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया। विशिष्ट अतिथियों में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संदीप कुमार, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार श्रीवास्तव, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हरिद्वार सिमरनजीत कौर उपस्थित थे।कार्यक्रम के दौरान कारागार में निरुद्ध बंदियों ने देशभक्ति की कब्बाली प्रस्तुत कर श्रोतागण को मंत्रमुग्ध कर दिया। अन्य बंदियों ने नशा मुक्ति और संविधान पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सार्थक संदेश दिया। विभिन्न विधि विश्वविद्यालय एवं कॉलेज से आए विधि के छात्र‑छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक, भाषण और कला प्रतियोगिता द्वारा संविधानिक अधिकार व कर्तव्यों पर अपनी प्रस्तुति दी।मुख्य अतिथि नरेन्द्र दत्त ने सभी उपस्थित लोगों को संविधान की शपथ दिलाते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि आज हम स्वतंत्रता पूर्वक जीवन जी रहे हैं, वह संविधान की देन है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जो लचीलापन और कठोरता दोनों को समेटे हुए है। यदि हम संविधान के प्रावधानों को आत्मसात कर लें तो भारत शीघ्र ही विकसित राष्ट्र बन जाएगा और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य सस्ता, सुलभ व न्याय सबके लिए साकार हो जाएगा। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने संविधान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अधिकारों के साथ कर्तव्यों का भी उतना ही महत्व है। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करेगा तो वह अपने अधिकारों को प्राप्त करने में सफल नहीं हो पाएगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हरिद्वार में नियुक्त चीफ लीगल एड डिफेंस काउन्सिल सुधीर कुमार त्यागी ने संविधान पर प्रकाश डालते हुए भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का एक किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि जब देश आज़ाद हुआ तो एक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री से पूछा, “आप तो प्रधानमंत्री बन गए हैं, लेकिन इस आज़ादी से हमें क्या मिला?” नेहरू ने उत्तर दिया, “आपको यह मिला कि आप एक प्रधानमंत्री का गिरेबान पकड़ कर उससे सवाल पूछ सकते हैं।” नरेन्द्र दत्त ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले बंदियों व छात्र‑छात्राओं को प्रशस्ति पत्र देकर प्रोत्साहित किया। अंत में वरिष्ठ अधीक्षक मनोज आर्य ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारे लिए बड़े सौभाग्य का विषय है कि जिले के मुखिया व संरक्षक जनपद न्यायाधीश हमारे बीच उपस्थित हैं और उन्होंने अपना बहुमूल्य समय निकालकर हमारा मार्गदर्शन किया। न्यायाधीश व अधिवक्तागण संविधान के संरक्षक एवं रक्षक होते हैं।कार्यक्रम का संचालन रिटेनर अधिवक्ता संगीता भारद्वाज ने किया। इस अवसर पर डॉक्टर अरविन्द कुमार श्रीवास्तव, रमन कुमार सैनी (डिप्टी लीगल एड डिफेंस काउन्सिल), रजिया अख्तर, आदिल अली (सहायक लीगल एड डिफेंस काउन्सिल), विभिन्न विधि विश्वविद्यालय एवं विधि कॉलेज के अध्यापकगण व छात्र‑छात्राएं, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हरिद्वार के समस्त कर्मचारीगण तथा लगभग 650 बंदी उपस्थित रहे। यह विधिक साक्षरता शिविर संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ाने, बंदियों के अधिकारों की जानकारी देने और सामाजिक न्याय के संदेश को जन‑जन तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।












