दिल्ली में गणित के छात्रों के महाकुंभ में धर्मनगरी हरिद्वार के बच्चों ने भी प्रतिभाग किया
1 min readपंडित दिव्यांश शर्मा स्वतन्त्र पत्रकार हरिद्वार, 29 दिसंबर । धर्म नगरी हरिद्वार को पूरे विश्व की आस्था का धरोहर माना जाता है। देश विदेश से आने वाला यात्री हरिद्वार में मां गंगा के दर्शन कर आस्था की डुबकी लगाता है। वही हरिद्वार में आस्था के साथ शिक्षा का भी बड़ा नाता रहा है। चाहे वह प्राचीन पद्धति के सिद्धांत पर चलने वाला गुरुकुल हो। या आधुनिक दौर में अबेकस हीं क्यों न हों। जी हां इस वक्त की शिक्षा जगत से जुड़ी बड़ी खबर धर्मानगरी हरिद्वार से है। दिल्ली विश्वविद्यालय के मल्टी पर्पज हॉल में 14 और 15 दिसंबर 2024 को यूसीएमएएस इंटरनेशनल मेंटल अर्थमैटिक गणित की प्रतिभाओं का महाकुंभ आयोजित हुआ। दुनिया की इस सबसे बड़ी अबेकस और मानसिक अंकगणित प्रतियोगिता में सभी प्रतिभागियों को 8 मिनट में गणित के 200 सवालों में से अत्यधिक प्रश्नों को हल करना था। जिसमें हरिद्वार से प्रतिभाग करने वाले काफी छात्रों ने इसमें हिस्सा लिया। हरिद्वार के डीएवी पब्लिक स्कूल , अचीवर्स होम पब्लिक स्कूल, द विजडम ग्लोबल स्कूल के कुछ बच्चों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया था। 8 बच्चे के द्वारा इंटरनेशनल लेवल कंपटीशन मे तीसरे रनर अप ट्रॉफी तथा नेशनल लेवल कंपटीशन मे तेजस को मेरिट की ट्रॉफी हरिद्वार के हिस्से मे आई।वही जब हरिद्वार लोकमत न्यूज़ की टीम ने यूसीएमएएस अबेकस सेंटर की संचालिका सुमन कौशिक से बात की तो उन्होंने बताया कि वह लगभग दो सालों से अपने विद्यार्थियों को इस प्रतियोगिता के लिए प्रशिक्षित कर रही है। लगभग 15 सालों के बाद भारत में इतनी बड़ी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ है। और उन्हें खुशी है कि धर्मानगर हरिद्वार को आस्था की नगरी के अलावा शिक्षा की नगरी के नाम से भी जाना जाए। सुमन कौशिक ने यह भी बताया की अबेकस शिक्षा विज़ुअलाइज़ेशन (फोटोग्राफिक मेमोरी), एकाग्रता , श्रवण कौशल, स्मृति, गति , सटीकता, रचनात्मकता, आत्म विश्वास, आत्म-रिलायंस के कौशल में सुधार करती है जिसके परिणामस्वरूप पूरे मस्तिष्क का विकास होता है। एबेकस आधारित अंकगणितीय कार्य, इसकी गणना एकाग्रता स्तर को बढ़ाते हैं।
इस कार्यक्रम मे लगभग 30 देशों के 6,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।धर्मनगरी हरिद्वार ने भी इस कार्यक्रम में प्रतिभा किया।दुनिया भर के प्रतियोगियों ने केवल अबेकस या मानसिक गणित तकनीक का उपयोग करके आठ मिनट में 200 अंकगणितीय प्रश्न हल किए।