देश में अंग्रेजी भाषा गुलामी का सबसे बड़ा प्रतीक- सांसद निशंक
पंडित दिव्यांश शर्मा स्वतन्त्र पत्रकार
हरिद्वार, 10 जनवरी।
विश्व हिंदी दिवस के हरिद्वार के ऋषिकुल ऑडिटोरियम में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के अलावा रूस, ब्रिटेन, जापान, और कनाडा से आए हिंदी के कई विद्वानों ने शिरकत की। इस दौरान हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा के साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा घोषित जाने को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान सांसद निशंक ने कहा कि देश में अंग्रेजी भाषा गुलामी का सबसे बड़ा प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुलामी के सभी प्रतीक चिन्हों को बदलने का काम किया और अब अंग्रेजी को त्यागकर हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा देने का समय आ गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि लॉर्ड मैकाले ने भारत की भाषा संस्कृति और शिक्षा को बदलकर देश को गुलाम बनाया था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।