“हरिद्वार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने पोक्सो अधिनियम पर आयोजित किया प्रशिक्षण शिविर”


पंडित दिव्यांश शर्मा स्वतन्त्र पत्रकार हरिद्वार, 2 सितंबर। हरिद्वार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सीनियर डिवीजन एसडी जज सिमरनजीत के संयोजन में आज एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हरिद्वार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सभागार हॉल में किया गया। इस शिविर में पोक्सो अधिनियम की नियमावली पर विस्तृत चर्चा की गई और बाल कल्याण समिति के सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया। शिविर के मुख्य बिंदु यह रहें। पोक्सो अधिनियम पर प्रशिक्षण: प्रोवेजनरी अधिकारीअविनाश भदोरिया बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष विष्व बंधु शीविर में रहे। रिटेनर लॉयर संगीता भारद्वाज ने सर्वप्रथम हरिद्वार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के बारे में जानकारी दी तथा पोक्सो अधिनियम पर विस्तृत व्याख्यान दिया। अपर जिला जज अंजू श्री ने पोक्सो अधिनियम से संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि कैसे उनकी अदालत में सच्ची घटनाओं पर आधारित मामलों का आकलन किया जाता है। उन्होंने बताया कि पोक्सो अधिनियम के तहत कई मामले आते हैं जिनमें नाबालिग बच्चों के साथ दुष्कर्म, अश्लीलता और अपहरण जैसी घटनाएं शामिल होती हैं। पोक्सो अधिनियम के तहत मामलों का आकलन अपर जिला जज अंजू श्री ने बताया कि पोक्सो अधिनियम के तहत मामलों का आकलन करते समय अदालत कई बातों पर ध्यान देती है, जिनमें शामिल हैं :पीड़ित का बयान: पीड़ित का बयान और उनकी गवाही बहुत महत्वपूर्ण होती है।साक्ष्य: अदालत साक्ष्यों को ध्यान से देखती है, जैसे कि मेडिकल रिपोर्ट, गवाहों के बयान और अन्य दस्तावेज। दोषी का व्यवहार: दोषी का व्यवहार और उनकी गतिविधियों का भी आकलन किया जाता है.।झूठे मुकदमे अपर जिला जज अंजू श्री ने बताया कि कई बार पोक्सो अधिनियम के तहत झूठे मुकदमे भी दर्ज हो जाते हैं। इन मामलों में अदालत को बहुत सावधानी से जांच करनी होती है और सुनिश्चित करना होता है कि दोषी को सजा मिले और निर्दोष को फंसाया न जाए। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं ।








