जिला प्रशासन की ओर से कोर्ट में सौंपी गई रिपोर्ट पर मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने प्रशासन पर उठाए गम्भीर सवाल
पंडित दिव्यांश शर्मा स्वतन्त्र पत्रकार हरिद्वार, 3 मई। मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद एक बार चर्चाओं में आ गए हैं। खनन को लेकर लगातार काफी वर्षों से आवाज उठा रहे शिवानंद ने प्रशासन की ओर से हाई कोर्ट में चीफ स्टैंडिंग कमेटी को सौंपी गई अवैध खनन की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं।रिपोर्ट को हास्यास्पद बताते कहा कि इसमें भारी अनियमितताएं हैं। कहा कि रोक के बावजूद अवैध खनन लगातार जारी है। हरिद्वार मे खनन का करोड़ों का खेल किसी से छुपा नही हैं। सफेद पोश नेताओं से लेकर बड़े मजबूत व्यापारी और समाजसेवियों का हस्तक्षेप रहता है। गुरुवार को मातृसदन में पत्रकारों से वार्ता में परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि जिला प्रशासन ने हाई कोर्ट में अवैध खनन पर कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपी है। इसमें भारी गड़बड़ी है। रिपोर्ट में प्रशासन ने 235 अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई कर 25 करोड़ 90 लाख 80 हजार 132 रुपये जुर्माने के सापेक्ष 36 लाख 96 हजार 946 रुपये वसूलने की बात कही है।अवैध खनन रोक के बाद भी निरंतर चल रहा है। वहीं इस खनन की आवाजाही से शहरवासियों को भी खासी दिक्ककत का सामना करना पड़ता हैं। शिवानंद ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से इसके बाद भी बकाया जुर्माना राशि 26 करोड़ बताई जा रही है। लगाए गए जुर्माने से बकाया अधिक कैसे हो सकता है। इससे प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि यह बात भी किसी से छुपी नहीं है की खनन पर नेता की नजर रहती हैं। साथ ही यह भी साफ हो रहा है कि अवैध खनन रोक के बाद भी निरंतर चल रहा है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट में गंगा रक्षा के लिए मातृसदन की ओर से लड़ाई लड़ी जा रही है। इसमें गंगा और उसकी सहायक नदियों में होने वाले अवैध खनन पर कार्रवाई की मांग की जा रही है।गंगा और उसकी सहायक नदियों में अवैध खनन उत्तराखंड वन विकास निगम की ओर से कराया जा रहा है। यह कोर्ट में भी कोर्ट कमिश्नर ने लिखकर दे दिया है। बावजूद इसके उत्तराखंड विकास निगम को ब्लैक लिस्ट नहीं किया जा रहा है। शिवानंद महाराज पहले भी काफी बार अपने ऐसे ब्यान और संघर्ष के लिए पूरे उत्तराखंड मे सुर्खियां बटोर चुके हैं। स्वामी शिवानंद का प्रशासन पर सवाल उठाना प्रशासन पर कैसा असर डालेगा अब यह देखना बाकि हैं।