“कोटा क्लासेस के होनहारों ने जेईई एडवांस में तोड़े रिकॉर्ड, आईआईटी में पक्की की जगह”
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पंडित दिव्यांश शर्मा स्वतन्त्र पत्रकार हरिद्वार, 02जून। सोमवार सुबह जेईई एडवांस का रिजल्ट आते ही कोटा क्लासेस के सफल छात्र-छात्राओं का चेहरा खुशी से खिल उठे। कोटा क्लासेस ने इस वर्ष सारे रिकार्ड तोड़ते हुए आईआईटी में 1755 रैंक देते हुए अपनी उपलब्धि से उत्तराखण्ड में अभिभावकों एवं छात्र-छात्राओं का विश्वास जीता है। वहीं नैवेद्य अग्रवाल ने 5865वीं रैंक, पूर्वार्द्ध ने 2994 कैटेगरी रैंक हासिल कर संस्था का मान बढ़ाया। संस्था के कन्हैया ने आईआईटी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए आल इंडिया रैंक 1755 लाकर संस्था को गौरवान्वित किया। कन्हैया कोटा क्लासेस के रेगुलर क्लासरूम प्रोग्राम के विद्यार्थी हैं। कन्हैया के पिता ने अपने पुत्र को इंजीनियर बनाने का सपना देखा था, जो कन्हैया ने पूरा किया। कन्हैया की माता एक सफल गृहिणी हैं और उन्होंने कन्हैया का मनोबल कभी डगमगाने नहीं दिया। वहीं नैवेद्य अग्रवाल ने भी जेईई एडवांस में 5865वीं रैंक लाकर आईआईटी में अपनी जगह बनाते हुए उत्तराखण्ड का मान बढ़ाया। नैवेद्य ने जेईई मेन में टॉप रैंक हासिल की थी। वहीं दिव्यांशु ने जेईई एडवांस्ड में आल इंडिया 7771 रैंक हासिल की है। दिव्यांशु ने जेईई मेन में भी 98.335 परसेंटाइल अंक हासिल किये। संस्था से कुल 10 छात्रों ने जेईई एडवांस्ड में सफलता प्राप्त की। अन्य सफल छात्रों में भव्य शर्मा, कृष्णा गुप्ता आदि सात छात्रों ने जेईई एडवांस में सफलता प्राप्त कर संस्था एवं अपने माता पिता का नाम रोशन किया। कोटा क्लासेस के महानिदेशक डॉ. रवि वर्मा ने छात्रों के चयन पर खुशी जाहिर की तथा बताया कि इस वर्ष उत्तराखण्ड में आईआईटी में टॉप रैंक जैसे रिजल्ट से संस्था ने अपने उच्च कोटि की शिक्षण प्रणाली तथा परिश्रम को साबित किया है। डा. वर्मा ने बताया कि विगत 16 वर्षों से हरिद्वार शहर को सैकड़ों इंजीनियर तथा डाक्टर्स दे चुके हैं। सफल छात्रों को आईआईटी बोम्बे, दिल्ली, कानपुर, रुड़की, खड़कपुर जैसी सम्मानित संस्थाओं में पढ़ने का मौका मिलेगा। कोटा क्लासेस के एकेडमिक हेड राजीव रंजन ने बताया कि संस्था से पिछले वर्ष नीट में 24 छात्रों ने सफलता प्राप्त की। हम अच्छी शिक्षण प्रणाली तथा योग्य शिक्षक और अच्छे प्रबन्धन के बल पर ही कोटा क्लासेस निरंतर 16 वर्षों से देश को डॉक्टर्स और इंजीनियर प्रदान कर रहा है। निरंतर कड़ी मेहनत और कुशल मार्गदर्शन ही सफलता की कुंजी है। सफल छात्रों के अभिभावकों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को 11वीं से ही इंजीनियरिंग तथा मेडिकल की तैयारी शुरु कर देनी चाहिये, जिसका लाभ प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के रूप में मिलता है। सफल छात्रों ने अपनी सफलता का श्रेय कोटा क्लासेस की कुशल शिक्षण प्रणाली, टेस्ट सीरीज तथा अच्छी फैकल्टी टीम को दिया। कोटा क्लासेस के महानिदेशक डॉ. रवि वर्मा एवं कोटा क्लासेस की टीम ने मिठाईयाँ बाँटकर खुशी जाहिर की। ढोल-नगाड़ों के साथ सफल छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया कि संस्था की ओर से हिन्दी मीडियम के छात्रों के लिए अलग बैच तथा पठन-पाठन सामग्री की व्यवस्था की जाती है। इसी का नतीजा है कि कमजोर से कमजोर छात्र भी सफलता की सीढ़ियां चढ़ता जा रहा हैं। सभी सफल छात्र-छात्राओं ने अपनी सफलता का श्रेय कोटा क्लासेस के गुरूजनों डॉ. रवि वर्मा, राजीव रंजन, डॉ. बीके सिंह, इंजी. आलोक वर्मा, इंजी. अनूप कुमार, योगेश कुमार सर, अमरेन्द्र कुमार आदि को दिया।
















