May 31, 2023

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समृद्ध एवं प्राचीन हस्तकला ‘‘कुम्हारी कला ‘‘ को राज्य में बढ़ावा दिया जाए- मुख्यमंत्री

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NEWS HIGHLIGHTS समृद्ध एवं प्राचीन हस्तकला ‘‘कुम्हारी कला ‘‘ को राज्य में बढ़ावा दिया जाए- मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ने कुम्हार हस्तकला को बढ़ावा देने के लिए सचिवालय में मिट्टी के गिलास में चाय पी। मुख्यमंत्री आवास एवं सचिवालय में मिट्टी से बने गिलासों में चाय देने की शुरूआत की जाए। कुम्हारों को उन्नत किस्म के मिट्टी के उपकरण बनाने के लिए निःशुल्क मिट्टी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। कुम्हार हस्तकला को सीएम स्वरोजगार योजना में भी जोड़ा जाए। Rich and ancient handicraft “Kumhari art” should be promoted in the state – Chief Minister. The Chief Minister drank tea in an earthen glass at the Secretariat to promote the potter’s handicraft. In the Chief Minister’s residence and secretariat, tea should be started in glasses made of clay. Arrangements should be made to provide free soil to the potters for making advanced clay tools. The potter’s handicraft should also be included in the CM self-employment scheme.

उत्तराखंड, 10 जून ।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में ‘‘कुम्हारी कला ‘‘ को पुनर्जीवित करने को लेकर बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में कुम्हारी कला को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि कुम्हारी कला समृद्ध एवं प्राचीन हस्तकला है। उतराखण्ड में अनेक परिवार इस कला से जुड़े हैं। भारत सरकार की ‘‘कुम्हार सशक्तिकरण योजना” का उद्देश्य कुम्हारी कला को पुनर्जीवित करना एवं समाज के सबसे कमजोर वर्गों में से एक कुम्हार समुदाय को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त कर विकास की मुख्यधारा में वापस लाना है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कुम्हारों को उन्नत किस्म के मिट्टी के उपकरण बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में मिट्टी उपलब्ध हो, इसके लिए ऐसी मिट्टी वाली भूमि का चिन्हीकरण किया जाए। चिन्हित भूमि से कुम्हारों को आवश्यकतानुसार एवं मानकों के हिसाब से निःशुल्क मिट्टी उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्हार हस्तकला को राज्य में बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री आवास एवं सचिवालय में मिट्टी से बने गिलासों में चाय देने की शुरूआत की जाए। इसे व्यापक स्तर पर प्रदेश भर में बढ़ावा दिया जाए। मुख्यमंत्री एवं अधिकारियों ने सचिवालय में मिट्टी के गिलासों में चाय पीकर इसकी शुरूआत की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि 03 माह में कुम्हारी कला की अगली बैठक आयोजित की जायेगी, कुम्हारी कला को बढ़ावा देने के लिए राज्य में क्या प्रयास किये गये, इसकी समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्हारी हस्तकला को बढ़ावा देने के लिए एक पोर्टल बनाया जाए। इस विद्या से जुड़े लोगों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए, उन्हें हर सम्भव मदद दी जाए। देश के विभिन्न क्षेत्रों में हुनर हाटों में हस्तकला से जुड़े लोगों को भेजा जाए। कुम्हारी कला को राज्य में बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था भी हो। उन्होंने कहा कि कुम्हार हस्तकला इकोलॉजी के लिए भी अच्छा है। कुम्हार हस्तकला को सीएम स्वरोजगार योजना में भी जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है, दीपावली के पर्व पर कुम्हारों द्वारा निर्मित दिये एवं अन्य उत्पादों की खरीद के लिए लोगों को प्रेरित भी किया जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव बीवीआरसी पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, महानिदेशक उद्योग रणवीर सिंह चौहान, अपर सचिव आनन्द श्रीवास्तव, निदेशक उद्योग सुधीर चन्द्र नौटियाल, माटी कला बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री शोभाराम प्रजापति उपस्थित थे।

समृद्ध एवं प्राचीन हस्तकला ‘‘कुम्हारी कला ‘‘ को राज्य में बढ़ावा दिया जाए- मुख्यमंत्री धामी

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