आस्था का शहर अब क्राइम ‘कैपिटल’भू-माफियाओं ने रातों रात जेसीबी चलाकर ढहा दी दुकान
1 min readपंडित दिव्यांश शर्मा स्वतन्त्र पत्रकार
हरिद्वार, 27 जुलाई।जहां एक तरफ पूरे पूरे देश में सावन माह मे पूजा अर्चना का माहौल चल रहा है। पूरे देश से लाखों श्रद्धालु धर्मनगरी हरिद्वार से जल भरकर अपने अपने गंतव्यों की ओर निकल रहे हैं।उत्तराखंड सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने दोनों राज्यों की सीमाओं पर पुलिस बल तैनात किया हुआ है। वही धर्मानगरी हरिद्वार में हर गली मोहल्ले पर लाखों पुलिस बल तैनात हैं।ऐसे मे भू माफियाओ के हौसले और भी बुलंद नजर आ रहे हैं जी हां आज का घटनाक्रम कनखल क्षेत्र में एक दुकान को ढा देने का सामने आया है। संपत्ति का बाद कोर्ट में विचाराधीन होने के बाद दबंगों ने जेसीबी की मदद से मिनटों में दुकान ढा दी। हैरानी की बात यह है कि चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात होने के बाद भी दबंग अपनी मनमानी करते रहे। घटना सिंहद्वार चौक से कुछ दूरी पर विष्णु गार्डन कॉलोनी के पास की। दरअसल, एक महिला की बताई जा रही इस संपत्ति में एक ब्यूटी पार्लर चला आ रहा था। किराएदार ब्यूटी पार्लर संचालिका ने कोर्ट से स्टे लिया हुआ है, जबकि संपत्ति को महिला ज्वालापुर के राइस मिल स्वामी एक पंजाबी प्रॉपर्टी डीलर को बेच चुकी है। बताया जा रहा है कि प्रॉपर्टी डीलर ने संपत्ति के विवादित होने के चलते औने पौने दाम में खरीदा था पर चाहकर भी संपत्ति को खाली नहीं करवा सका। अब सामने आया कि पंजाबी प्रॉपर्टी डीलर ने औने पौने दाम में मिली इस संपत्ति को जगजीतपुर के एक भू माफिया को बेच दिया, जिसके बाद योजनाबद्ध ढंग से शुक्रवार देर रात जेसीबी की मदद से दुकान ध्वस्त कर दी गई। सुबह के वक्त जब आमजन सोकर उठे तब एक दिन पहले तक रही दुकान को न पाकर दंग रह गए। मध्य रात्रि मे ब्यूटी पार्लर संचालिका मिनाक्षी शर्मा पत्नी राकेश धीमान निवासी विष्णु गार्डन ने थाना कनखल पर तहरीर दी कि दिनांक 27.07.2024 की रात्रि 01.00 बजे के आस पास रिमी गुलाटी व रमन गुलाटी तथा ठेकेदार सुल्तान पुत्र खुर्शीद द्वारा जे0 सी0 बी0 की सहायता से डेजल ब्यूटी पार्लर दुकान को ध्वस्त कर दिया जिसमे माननीय न्यायालय मे मामला विचाराधीन है व बताया गया कि मेरा 30 लाख का कीमती सामान व 60 हजार रुपये नकदी सब दफन हो गया है जिसकी तहरीर पर थाना कनखल पर मु0अ0स0 215/24 धारा 305.324(5).351(3) वीएनएस बनाम रिम्मी गुलाटी आदि पंजीकृत किया गया। वहीं इस तरह की घटना जीरो टोलरेंस का हवाला देने वाली उत्तराखंड सरकार पर भी बड़े सवाल खड़े करती हैं।