प्रयागराज महाकुंभ की तैयारियों को लेकर जूना अखाड़े के संतों ने किया आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी से विचार विमर्श
पंडित दिव्यांश शर्मा स्वतन्त्र पत्रकार हरिद्वार, 2 जुलाई। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े ने प्रयागराज में अगले वर्ष होने वाले महाकुंभ की तैयारियां शुरू कर दी है। मंगलवार को जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरी गिरि महाराज ने अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज, सचिव श्रीमहंत महेश पुरी, सचिव श्रीमहंत मोहन भारती, सचिव श्रीमहंत शैलेंद्र गिरी, सचिन श्रीमहंत विद्यानंद गिरी के साथ जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज से हरिहर आश्रम स्थित आचार्य पीठ पर भेंट कर कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर विचार विमर्श किया।श्रीमहंत हरी गिरी महाराज ने जूना अखाड़े द्वारा प्रयागराज महाकुंभ के लिए ज्योतिषीय गणना के अनुसार निकाले गए शुभ मुहूर्त की जानकारी स्वामी अवधेशानंद गिरी को देते हुए बताया कि महाकुंभ का प्रथम शाही स्नान 14 जनवरी मकर संक्रांति, द्वितीय शाही स्नान 29 जनवरी मौनी अमावस्या तथा तृतीय शाही स्नान 3 फरवरी बसंत पंचमी को संपन्न होगा। महाकुंभ में भाग लेने, नगर प्रवेश करने, धर्म ध्वजा पूजन, नागा संन्यासियों के लिए लगाए जाने वाले शिविरों के लिए भूमि आवंटन, कुंभ नगर में प्रवेश व अन्य विभिन्न कार्यक्रमों के लिए तिथियों का मुहूर्त अनुसार निर्धारण कर लिया गया है। श्रीमहंत हरीगिरी महाराज ने बताया कि समस्त नागा सन्यासी, साधू संत, मठाधीश विजयदशर्मी पर्व 12 अक्टूबर को पूरे भारतवर्ष से प्रयागराज के लिए प्रस्थान करेंगे। रमता पंच, सन्यासी, मठाधीश, महामंडलेश्वर, आश्रम धारी व श्रद्धालु भक्त नगर से बाहर ग्राम रामपुर स्थित सिद्ध हनुमान मंदिर में शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर को पहुंच जाएंगे और वहीं निवास करेंगे। 3 नवंबर 2024 को यम द्वितीया के पावन पर्व पर रमता पंच की अगुवाई में जूना अखाड़ा पूरे लाव लश्कर, बैंड बाजों, सोने चांदी की पालकियों के साथ शाही जुलूस के रूप में नगर प्रवेश करेगा। 23 नवंबर 2024 को कुंभ मेला छावनी में काल भैरव अष्टमी के पावन पर्व पर आवंटित भूमि का पूजन कर धर्म ध्वजा स्थापित की जाएगी। 14 दिसंबर 2024 को आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज के नेतृत्व में जूना अखाड़ा द्वारा पेशवाई निकाली जाएगी। जोकि संगम स्थित कुंभ मेला छावनी में समूह के साथ प्रवेश करेगी। 13 जनवरी को प्रथम शाही स्नान से पूर्व आदि नारायण स्वरूप वेणी माधव भगवान की पूजा अर्चना के पश्चात भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी तथा नगर परिक्रमा की जाएगी। 14 जनवरी, 29 जनवरी तथा 3 फरवरी के तीन प्रमुख शाही स्नान के पश्चात विधिवत कुंभ मेले का समापन कर 7 फरवरी को कढ़ी पकोड़ा का कार्यक्रम आयोजित होगा और उसके पश्चात सभी नागा संन्यासी, मठाधीश, महामंडलेश्वर, जूना अखाड़े के पदाधिकारी कुंभ मेले का विधिवत समापन कर काशी के लिए कूच कर जायेंगे।सभी कार्यक्रमों पर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि से विचार विमर्श कर अंतिम रूप दिया गया। इसके अतिरिक्त कुंभ मेला क्षेत्र में महामंडलेश्वर नगर, मढ़ी, मठाधीशों, आचार्य महामंडलेश्वर नगर व अन्य संस्थाओं के लिए आवंटित की जाने वाली भूमि के संदर्भ में भी चर्चा की गई। बैठक में यह भी निश्चित किया गया कि क्योंकि जूना अखाड़े में संतों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इसलिए विगत कुंभ में जितनी भूमि अखाड़े को आवंटित की गई थी। उससे अधिक भूमि की मांग की जाएगी। श्रीमहंत हरीगिरी ने बताया कि कुंभ मेले की तैयारी और व्यवस्थाओं को लेकर प्रयागराज कुंभ मेला प्रशासन से लगातार बैठकों के दौर चल रहे हैं। 18 जुलाई को मेला प्रशासन तथा सभी 13 अखाड़े की बैठक में सभी होने वाले कार्यों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा तथा अक्टूबर 2024 से भूमि आवंटन का कार्य भी प्रारंभ हो जायेगा।